कहने को तो छुईमुई सी पर तितली सी उड़ती हूँ, अपनों में बेगानी सी मैं,सपनों में खोई रहती हूँ! अरमानों की नाव संग दरिया सी बहती हूँ, जब होती उदास तो बस दिल की बात लिखती हूँ । ©Srashti kakodiya #रंगो से भरी इस दुनिया में,बेरंग सी रहती हूँ,कुछ दोस्त अाज भी कहते हैं,कहाँ खोई रहती हूँ.... #nojotohindi