मैं शुक्रगुज़ार हूँ मेरे मालिक तेरा कि बाढ़ग्रस्त नहीं है शहर मेरा। मैं शुक्रगुज़ार हूँ प्रभु तेरा बाढ़ में बचा है अपना बसेरा। मैं शुक्रगुज़ार हूँ ईश्वर तेरा बाढ़ में सामान सारा बह गया तेरी कृपा से मैं बचा रह गया। तेरा हर हाल में शुक्र मेरे मेहरबान जो बाढ़ग्रस्तों के बचाव का मुझसे तू ले रहा है काम। धरती तेरी अम्बर तेरा बारिश तेरी तू ही बाढ़ग्रस्त तू ही बचाने वाला तू ही है त्रस्त। तेरे बिन कोई और नहीं सिवा तेरे जीव का कोई ठौर नहीं। भगवान की पूजा हर हाल में है होती चाहे सुख दे या दे दुख वक्त कैसा भी हो भक्त का भरोसा कम नहीं होता। फिर क्यों न करुँ श्वास श्वास शुक्र तेरा। मैं शुक्रगुज़ार हूँ मेरे मालिक तेरा कि बाढ़ग्रस्त नहीं है शहर मेरा। बी डी शर्मा चण्डीगढ़ 04.08.2020 बाढ़