गुण भले ही एक हो अवगुणों का सार हूँ । सारथी मेरे ह्र्दय पर तुम्हारा यार हुँ ।। खुद से गिरा हूँ खुद से लाचार हूँ । ऐ जिंदगी तेरे प्रति में जन्म से तैयार हूँ ।। ©shubham chaturvedi vidrohi #मोत #जीवन #PrideMonth