#OpenPoetry श्रेष्ठ वृत्तियाँ अपना लेने के उपरान्त फिर मनुष्य को परमार्थ प्रयोजनों में संलग्न होने में कोई कठिनाई नहीं पड़ती । निर्वाह और परमार्थ भली प्रकार साथ- साथ निभता रह सकता है , इसे वे प्रत्यक्ष अनुभव करते है । अपने गुण- कर्म - स्वभाव का स्तर उठाते है । एक क्षण भी निरर्थक नही गुजारते । समझदारी , ईमानदारी , जिम्मेदारी और बहादुरी के आदर्शों से जीवन को ओत - प्रोत करते है तथा दिव्य दृष्टि प्राप्त करते है । ०१/०८/२०१९ 🌷👰💓💝 ...✍ कमल शर्मा'बेधड़क' श्रेष्ठ वृत्तियाँ अपना लेने के उपरान्त फिर मनुष्य को परमार्थ प्रयोजनों में संलग्न होने में कोई कठिनाई नहीं पड़ती । निर्वाह और परमार्थ भली प्रकार साथ- साथ निभता रह सकता है , इसे वे प्रत्यक्ष अनुभव करते है । अपने गुण- कर्म - स्वभाव का स्तर उठाते है । एक क्षण भी निरर्थक नही गुजारते । समझदारी , ईमानदारी , जिम्मेदारी और बहादुरी के आदर्शों से जीवन को ओत - प्रोत करते है तथा दिव्य दृष्टि प्राप्त करते है । ०१/०८/२०१९ 🌷👰💓💝 ...✍ कमल शर्मा'बेधड़क' #विचार #सुप्रभात