❤जब किसी दिल से दिल मिला होगा।❤ हर तरफ शोर मच गया होगा। इश्क़-दरिया उफान पर है अभी कोई इसमें उतर रहा होगा। दर्द-ए-दिल सब ग़मों पे भारी है हर किसी से यही सुना होगा। तल्ख़ियां और बढ़ गई होंगी ज़ख्म अपनों से जब मिला होगा। रातभर चांदनी रही गुमसुम दूर बादल सिसक रहा होगा। जब से आई वबा करोना की आदमी इश्क़ से डरा होगा। कैसे जीऊंगा तेरे बिन 'मीरा' बे वज़ह सोचने लगा होगा। #गज़ल 2122 1212 22/112 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 ❤जब किसी दिल से दिल मिला होगा।❤ हर तरफ शोर मच गया होगा। इश्क़-दरिया उफान पर है अभी कोई इसमें उतर रहा होगा।