मेरे इशारों को तुम समझते क्यों नहीं खामियों पे मेरी तुम गरजते क्यों नहीं मेरे लतीफ़ों पे तुम हँसते क्यों नहीं हसरत बनके मुझपे तुम बरसते क्यों नहीं जब चली जाती हूँ दूर तुम तरसते क्यों नहीं इतने पत्थर कब हुए मेरी अदाओं में तुम अब फसते क्यों नहीं तुम मुझे समझते क्यों नहीं कविता को पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें #ravikirtikikalamse #ravikirti_shayari #ravikirti_poetry #yqdidi #collab #auratkadard #yeduriyan #paidstory