Nojoto: Largest Storytelling Platform

चंद ही निज़ाम हैं यहाँ वरना हर कोई किसी न किसी का

चंद ही निज़ाम हैं यहाँ
वरना हर कोई किसी न किसी का ग़ुलाम है यहाँ

यूँ तो सबकी ज़िंदगी में कुछ न कुछ ख़ास है
पर किसी किसी की चर्चा-ए-आम है यहाँ

रक़बत की अंधी दौड़ में रंजिश ही पालते हैं लोग
एक दूसरे का यहाँ एहतराम कहाँ

मार-काट, लूट-पाट मची है चारों तरफ़ हरसू
सरकार कोई भी आए जाए, इन विकृतियों पर विराम कहाँ

सरस्वती और लक्ष्मी की लड़ाई में लक्ष्मी ही जीत रही है सदा
ज्ञान-चक्षु  जन्म-जन्मांतर से बंद, 
फिर भी ख़ुद को हर कोई महाज्ञानी समझता है यहाँ

इंसान भी कैसा जीव है, मंगल पर जीवन का अंश ढूँढता है
पृथ्वी पर पंचतत्व होते हुए भी मची है त्राहि-त्राहि, इसका किसी को संज्ञान कहाँ #writeups #meriqalamse #lifequotes #nojoto #selfmusing #deepthoughts 
#poetrylove #poeticsoul
चंद ही निज़ाम हैं यहाँ
वरना हर कोई किसी न किसी का ग़ुलाम है यहाँ

यूँ तो सबकी ज़िंदगी में कुछ न कुछ ख़ास है
पर किसी किसी की चर्चा-ए-आम है यहाँ

रक़बत की अंधी दौड़ में रंजिश ही पालते हैं लोग
एक दूसरे का यहाँ एहतराम कहाँ

मार-काट, लूट-पाट मची है चारों तरफ़ हरसू
सरकार कोई भी आए जाए, इन विकृतियों पर विराम कहाँ

सरस्वती और लक्ष्मी की लड़ाई में लक्ष्मी ही जीत रही है सदा
ज्ञान-चक्षु  जन्म-जन्मांतर से बंद, 
फिर भी ख़ुद को हर कोई महाज्ञानी समझता है यहाँ

इंसान भी कैसा जीव है, मंगल पर जीवन का अंश ढूँढता है
पृथ्वी पर पंचतत्व होते हुए भी मची है त्राहि-त्राहि, इसका किसी को संज्ञान कहाँ #writeups #meriqalamse #lifequotes #nojoto #selfmusing #deepthoughts 
#poetrylove #poeticsoul