"तुम" कि कहीं खो गए थे, शायद अब भी ग़ुम हो तुम, फ़िक्र नही तुम्हें ख़ुदकी , ज़रा से लापरवाह हो तुम, मालूम है यादें कमज़ोर नही है वो, हा शायद अब उन्हें याद करते नही तुम, कुछ बातें जो अधूरी रह गई, अब दोहराते नही तुम, कि कहीं खो गए थे, शायद अब भी ग़ुम हो तुम। kumari juhi🖋️ #shortpoem #shoetpoetry#author#writer#kumarijuhi