गलत को गलत, सही को सही, बोलने का दम रखिए। 🙏🙏 अपनों द्वारा बोला हुआ गलत, सही नही हो जाता और गैरों का, सही गलत। ' ठीक' को, यूँ ना बेइज़्ज़ करिए, थोड़ा ज़मीर को झिंझोड़ें, थोड़ा अपने अंदर झांकिए, थोड़ा तो, अपने अंदर बची - खुची इंसानियत से डरिए। थोडा संवेदनशील बनिए, ठीक - गलत को, सही से आंकिए, अपनी मन मरज़ी से, सहुलियत अनुसार, गलत-सही की परिभाषा ना बदलिए। बेचारे 'ठीक' को, गलत में तब्दील होने पर, मजबूर ना करिए। 🙏🙏🙏🙏 #SahiKaSaathDijiye...!!