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कभी कभी होती है, भलाई दायरे में रहने पर जो दायरा ट

कभी कभी होती है, भलाई दायरे में रहने पर
जो दायरा टूटा , तो परिणाम भयंकर होता है 

सिर्फ हाथ पर हाथ धरकर , बैठने से क्या फायदा
मेहनत करने से बेहतर , मुकद्दर होता है 

और एक ही वार से,  पत्थर नहीं टूटा करते
टूट जाते हैं तब , जब वार निरंतर होता है

सुनाने आये और  ,  बिना सुने ही चल दिए 
याद रख सुनने सुनाने वाला , अच्छा सुखनवर होता है 

औरोंको छोटा समझने लगे ,  ज़रा सा कामयाब होकर 
टिकते हैं वही यहाँ , दिल में जिनके समुन्दर होता है

होते हैं ज़िन्दगी में लोगों की ,  राज कुछ ऐसे भी 
जिनका राज़ ही रह जाना , बेहतर होता है

©Ramprakash Rajput #RPR
#Gajal
#sher
#Shayri
#Poetry
#Dayra
#nojota
#nojothindi
कभी कभी होती है, भलाई दायरे में रहने पर
जो दायरा टूटा , तो परिणाम भयंकर होता है 

सिर्फ हाथ पर हाथ धरकर , बैठने से क्या फायदा
मेहनत करने से बेहतर , मुकद्दर होता है 

और एक ही वार से,  पत्थर नहीं टूटा करते
टूट जाते हैं तब , जब वार निरंतर होता है

सुनाने आये और  ,  बिना सुने ही चल दिए 
याद रख सुनने सुनाने वाला , अच्छा सुखनवर होता है 

औरोंको छोटा समझने लगे ,  ज़रा सा कामयाब होकर 
टिकते हैं वही यहाँ , दिल में जिनके समुन्दर होता है

होते हैं ज़िन्दगी में लोगों की ,  राज कुछ ऐसे भी 
जिनका राज़ ही रह जाना , बेहतर होता है

©Ramprakash Rajput #RPR
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#sher
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