बचपन और मिट्टी आह! मिट्टी तेरे कितने स्वाद रे ,न खट्टी है तू ना ही तू है मीठी रे, बस रहती तू हमेशा जुबा के साथ रे , बचपन में खाते थे छुप छुप कर न बताना किसी को ये राज रे , मिट्टी ना कहू तू तो हमारा इक यार रे , आह! मिट्टी तेरे कितने स्वाद रे। ©Pratik Banait #आहमिट्टीतेरेकितनेस्वादरे #pratikBanait #pratikbanait#pratikb143 #BachpanAurMitti