चल माफ़ किया तुझे। शिकवा अब मुझ पर भाता नहीं। तु करता जा मन-चाहा, इन हरकतों से अब फर्क पड़ता नहीं।। रो लिया बहोत, घुट के जी लिया है बहोत। अब झुकना मुझे गवारा नहीं।। -yasmin say no to domestic violence!