करती है दिल पर वार जब किसी के शब्दों का होता है इंतज़ार चीर देती है वो अंदर तक हमें याद आती हैं जब प्यार में ली कसमें.... ये चुप्पी जान ही ले लेती है जब ख़ामोशी उनकी तोड़ी ना जाए हमसे सुप्रभात, 🌼🌼🌼🌼 🌼आज का हमारा विषय "चुभती ख़ामोशी" एक ऐसा विषय है जो किसी अपने के ख़ामोश होने से जिस पीड़ा का अनुभव होता है, उस अहसास को शब्दों में ढालने का एक प्रयास कीजिए... आशा है आप लोगों को पसंद आएगा। 🌼आप सब सुबह की चाय की चुस्की लेते हुए लिखना आरंभ कीजिए।