** कविता *** *** तेरी तलाश *** " गुमसुदा ख्याल है मेंरा , तेरी तलाश जारी है , अभी हमारे मुलाक़ातो की पहचान अधूरी है , तु गुम है कहीं मैं भी कुछ खोया हूं , हमारे चाहतों की मुलाकात बाकी है , तेरी तलाश गुमनाम है , हमारी जान-पहचान बाकी है , लिये फिर रहा हूं किस की आरज़ू , जो इसकदर हमारी मुलाकात बाकी हैं , --- रबिन्द्र राम *** कविता *** *** तेरी तलाश *** #तेरी तलाश