शायरी कलंक ना समझो बेटी को कलंक, वो भी तो इस दुनिया में, अपनी किस्मत ले कर आई होगी, धन दौलत तो कुछ नहीं, उसके आगे वो अपनी किस्मत में, हीरे-जवाहरात लिखवा कर लाई होगी। Meenakshi Sharma बेटी को ना समझो कलंक