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"काश. के खुशियों का बाज़ार होता खुशियां भी मिलत



"काश.  के खुशियों का बाज़ार होता
खुशियां भी मिलती दूकानों में, गली,
कुचो, मकानों , या तंग गली , चौबारों
में,"


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 तो सब खरीद लेते अदानी, अंबानी
हम रह जाते बीराने में

( मगर  खुशियां नही मिलती बाजारों में)

©पथिक
  #आओ मज़ा लें,😘😘💕💕

#आओ मज़ा लें,😘😘💕💕 #कॉमेडी

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