#OpenPoetry प्यार में पागल मत बन कि एक दिन मरना पड़े , या किसी से बिछुड़ना पड़े , बस जितने दिन जिओ ऐसे की, सारे जग की खुशियां तेरे कदमों में झुकी मिले जिसके साथ जिओ कि तुम उसके और वो तुम्हे सब कुछ दिखे , न वो कोई और हो न तुम कोई और बस इंसान अलग हों पर दिल एक मिलें । 😊 ©सिद्धान्त मिश्रा की कविता #प्यार_में_पागल_मत_बन , फैला दो कविता जीवन की । । सिद्धान्त की कविता...☺️☺️