ये भी एक दौर है तन्हाई का, ये दौर भी गुजर जायेगा कल मेरा भी कोई अपना होगा, किसी की आँखों में मेरे प्यार का सपना होगा. तन्हाई के काले बादल भी जरूरी होते हैं, प्यार की फसल उगाने के लिए बेवफा से बिछुड़ना भी जरूरी होता है, सच्चे प्यार को पाने के लिए. जब दर्द भी मेरे हों, और दास्तान भी मेरी तो किसे इल्जाम दूँ, किसे हाल-ए-दिल सुनाऊँ. प्यार में इस कदर ठोकर खाई है मैंने कि अब किसी से दिल लगाने की हिम्मत नहीं रही मोहब्बत अब जन्म-जन्म की कहानी नहीं… अब तो मोहब्बत वो नशा है, जो सुबह चढ़ता है और शाम तक उतर जाता है. मोहब्बत से लोगों का भरोसा न उठ जाए इसलिए …… किसी न किसी को प्रीत निभानी पड़ेगी….