क्यूं..... दर्द को जुबां पर आने नहीं देते क्यूं.....आंख को नींद का पहरा नहीं देते माना.... लाख मुसीबत हैं जीने में मगर क्यूं ज़िंदगी को...जीने की वजह नहीं देते ।।। ज़िंदगी कैसी ये पहेली.... हाय