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आज हम आपको बताने जा रहे हैं कर्म का महत्व इस भौतिक

आज हम आपको बताने जा रहे हैं कर्म का महत्व इस भौतिक जगत में हर व्यक्ति को किसी ना किसी कर्म में प्रवृत्त होना ही पड़ता है कोई भी इंसान बिना कर्म के नहीं रह सकता कर्म के माध्यम से वह अपना जीवन बना और बिगाड़ सकता है ऐसे में इंसान को चाहिए कि वह अपने जीवन को सार्थक और मूल्यवान बनाने के लिए सकारात्मक कर्म करने का प्रयास करें अपने सार्थक कदम के जरिए ही एक निर्धन परिवार में जन्मा व्यक्ति अमीर बन सकता है ज्ञानवान और गुणवान बन सकता है कालिदास के बहुत बड़े उदाहरण हैं जो अपने सकारात्मक कार्य के जरिए ज्ञानवान पंडित बन गए वहीं समाज में कई ऐसे उदाहरण देखने को मिलते हैं इसमें नकारात्मक कर्म के जरिए कई लोगों ने अपने जीवन को तबाह कर लिया है ऐसे में इंसान को चाहिए अपने लिए निर्धारित कर्म का सही से वाहन करें और अपने जीवन को उद्देश्य पूर्ण और सार्थक बनाएं क्योंकि कर्म ना करें की अपेक्षा कर्म करना कहीं बेहतर होता है वैसे भी कर्म के बिना जीवन निर्वाह संभव भी तो नहीं है धर्म शास्त्रों के मुताबिक आत्मा को कई जिलों में जन्म लेने के बाद मनुष्य का जीवन मिलता है सिर्फ इस योनि में कर्म करना जीवन के वश में होता है दूसरे जीव या जीव तो राजी होता है यह उसके कर्म इतने सीमित होते हैं जिनके कोई अर्थ नहीं होते सूर्य चंद्रमा ऋतु हवा पानी और यहां तक कि ईश्वर भी अपने निर्धारित कर्म से बंधे हुए हैं सृष्टि के इस रचना से लेकर आज तक इसमें से किसी ने कभी भी अपने निर्धारित कर्म का उल्लंघन नहीं किया है अगर इंसान इनका अनुसरण करें तो निश्चय ही अपना जीवन सफल कर्म एक कोण विषय है जिस की बारीकियों को समझना अत्यंत ही कठिन है ऐसे में मनुष्य को चाहिए कि वह ठीक से सिर्फ इतना भर जान ले कि उसका कर्म क्या है अगर वह अपने निर्धारित कर्म को जान उस पूजा मन कर संपन्न करें तो निश्चित रूप से उसका कल्याण संभव है🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

©Ek villain #karmawala 

#DearCousins
आज हम आपको बताने जा रहे हैं कर्म का महत्व इस भौतिक जगत में हर व्यक्ति को किसी ना किसी कर्म में प्रवृत्त होना ही पड़ता है कोई भी इंसान बिना कर्म के नहीं रह सकता कर्म के माध्यम से वह अपना जीवन बना और बिगाड़ सकता है ऐसे में इंसान को चाहिए कि वह अपने जीवन को सार्थक और मूल्यवान बनाने के लिए सकारात्मक कर्म करने का प्रयास करें अपने सार्थक कदम के जरिए ही एक निर्धन परिवार में जन्मा व्यक्ति अमीर बन सकता है ज्ञानवान और गुणवान बन सकता है कालिदास के बहुत बड़े उदाहरण हैं जो अपने सकारात्मक कार्य के जरिए ज्ञानवान पंडित बन गए वहीं समाज में कई ऐसे उदाहरण देखने को मिलते हैं इसमें नकारात्मक कर्म के जरिए कई लोगों ने अपने जीवन को तबाह कर लिया है ऐसे में इंसान को चाहिए अपने लिए निर्धारित कर्म का सही से वाहन करें और अपने जीवन को उद्देश्य पूर्ण और सार्थक बनाएं क्योंकि कर्म ना करें की अपेक्षा कर्म करना कहीं बेहतर होता है वैसे भी कर्म के बिना जीवन निर्वाह संभव भी तो नहीं है धर्म शास्त्रों के मुताबिक आत्मा को कई जिलों में जन्म लेने के बाद मनुष्य का जीवन मिलता है सिर्फ इस योनि में कर्म करना जीवन के वश में होता है दूसरे जीव या जीव तो राजी होता है यह उसके कर्म इतने सीमित होते हैं जिनके कोई अर्थ नहीं होते सूर्य चंद्रमा ऋतु हवा पानी और यहां तक कि ईश्वर भी अपने निर्धारित कर्म से बंधे हुए हैं सृष्टि के इस रचना से लेकर आज तक इसमें से किसी ने कभी भी अपने निर्धारित कर्म का उल्लंघन नहीं किया है अगर इंसान इनका अनुसरण करें तो निश्चय ही अपना जीवन सफल कर्म एक कोण विषय है जिस की बारीकियों को समझना अत्यंत ही कठिन है ऐसे में मनुष्य को चाहिए कि वह ठीक से सिर्फ इतना भर जान ले कि उसका कर्म क्या है अगर वह अपने निर्धारित कर्म को जान उस पूजा मन कर संपन्न करें तो निश्चित रूप से उसका कल्याण संभव है🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

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