यूं पथिक आकर भी जाता है, पोटली उठाये बस चलता रहता है, खुद को कर उन्मुक्त वो गगन सा, स्वछंद विचरण करता है, पोटली उठाये बस चलता रहता है! गंभीर, सहज, अपने का लिए चित्त जाता है गेहुआ वस्त्र वो फिर धारण करता है अकेले सफ़र पर संग अपने एक मित्र को लिए रहता है यूं पथिक आकर भी जाता है!! #NojotoQuote #पथिक #untoldstory #respect #nojotohindi #poetry #nojoto