तेरी बेवफाई आज फिर से तेरी बेवफाई, मुझे सताने लगी है, बहुत समय पहले बीती बातें, याद आने लगी हैं । करूँ तो क्या करूँ अपने, इस नासमझ दिल का मैं, मन में तुम्हारे प्यार की स्मृतियाँ, फिर से छाने लगी हैं । दिल में अब तुम्हारे कोई और बस गया है, ये पता है मुझे, शायद कोई गलती रही होगी मेरी, जो मैंने खो दिया तुझे । अगर मेरी किसी बात से ठेस लगी थी, तो बताती तुम मुझे, यूँ अकेले मैं तड़पता नहीं, अगर तुम छोड़कर ना जाती मुझे । तू ही तो मेरी अमानत थी, जो मुझसे अब इतना दूर हो गई है, अपनी नई जिन्दगी से बहुत खुश है और पूरी तरह से उसमें खो गई है । मैं अपने इस व्यर्थ जीवन का अब क्या करूँ, मेरी तो सारी उम्मीदें खो गई हैं, जो पहले कभी मुझे चाहती थी, अब वो किसी और की दीवानी हो गई है । मुझे आज भी याद आता है, तुमसे वो छुप -छुपकर मिलना, वो प्यारी - प्यारी बातें करना और साथ में घूमना - फिरना । लेकिन अब कहाँ वो हसीन पल, फिर लौटकर आने वाले हैं, हम तो अपना सारा जीवन, अकेले ही रहकर बिताने वाले हैं । - Devendra Kumar (देवेंद्र कुमार) # तेरी बेवफाई