हर तरफ़ एक शोर सा होता है जो है वो छुपता है, और नहीं सा सामने होता है। सच है वो बिकता है, हर तरफ झुठ सा दिखता है। सब है वो सबका है, पर सब मै कुछ सा मिलता है। ऐसा है वो समझता है, जब कल हम सा बिछड़ता है। हर तरफ एक शोर सा होता है कभी कभी लगता है। ©jagruti Bhardwaj #TwoWordsकभीकभी