Nojoto: Largest Storytelling Platform

गर्मी के ताप में दुपहर में अलसाये,कुम्हलाये तपता स

गर्मी के ताप में
दुपहर में अलसाये,कुम्हलाये
तपता सूरज लू चलती 
सब की काया उसमे जलती
मुर्झाया भूतल
झुलस गये वन उपवन 
क्षीण हुई नदिया की धारा
गर्म हवाये करती विलाप
कब लौटेगा बैरी सावन
जब गरजे बादल घनघोर
रिमझिम-रिमझिम बूंदें गिरे
निकल झींगुर झन-झन शोर मचाये
पी-पी करें पपीहा
राहत की बौछारें लाई
गूंज उठी जैसे शहनाई मौसम
इस बारिश से खिल उठे सबके चेहरे 
राहत मिली पर कुछ पल भर
फिर सूरज ने फैलाई माया
ये आंच ये ताप कब होगा समाप्त
झुलसती ये गरमी बरस रही है आग
धूप के कहर ने तो ले ली कई जानें
बारिस का हैं इंतज़ार सभी को
स्वागत में है पलकें बिछाए
बारिस का.....बारिस बूंदों की..।। #hindikvita#kvita#life
गर्मी के ताप में
दुपहर में अलसाये,कुम्हलाये
तपता सूरज लू चलती 
सब की काया उसमे जलती
मुर्झाया भूतल
झुलस गये वन उपवन 
क्षीण हुई नदिया की धारा
गर्म हवाये करती विलाप
कब लौटेगा बैरी सावन
जब गरजे बादल घनघोर
रिमझिम-रिमझिम बूंदें गिरे
निकल झींगुर झन-झन शोर मचाये
पी-पी करें पपीहा
राहत की बौछारें लाई
गूंज उठी जैसे शहनाई मौसम
इस बारिश से खिल उठे सबके चेहरे 
राहत मिली पर कुछ पल भर
फिर सूरज ने फैलाई माया
ये आंच ये ताप कब होगा समाप्त
झुलसती ये गरमी बरस रही है आग
धूप के कहर ने तो ले ली कई जानें
बारिस का हैं इंतज़ार सभी को
स्वागत में है पलकें बिछाए
बारिस का.....बारिस बूंदों की..।। #hindikvita#kvita#life