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अपनी सीमा को तोड़कर एक उम्मीद की रोशनी लिए, वो पिघ

अपनी सीमा को तोड़कर 
एक उम्मीद की रोशनी लिए,
वो पिघलती हुई मोमबत्ती 
मुझे आज भी याद है 

उसकी थरथराती हुई लौ 
स्थिरता की आस लिए
जब हवाओं से टकराती थी
ऐसी द्वंद्व भरी ज़िन्दगी
मुझे आज भी याद है 

वो पेशोपेश की रात
जो पहली थी और शायद
आखिरी भी...
आग आँचल में दबाए
बेजान सी मोमबत्ती 
मुझे आज भी याद है ।
 #zindagi #mombatti #peshopesh #aakhiri #raat 
#पहेली 🍁
#एक पहेली 💞
अपनी सीमा को तोड़कर 
एक उम्मीद की रोशनी लिए,
वो पिघलती हुई मोमबत्ती 
मुझे आज भी याद है 

उसकी थरथराती हुई लौ 
स्थिरता की आस लिए
जब हवाओं से टकराती थी
ऐसी द्वंद्व भरी ज़िन्दगी
मुझे आज भी याद है 

वो पेशोपेश की रात
जो पहली थी और शायद
आखिरी भी...
आग आँचल में दबाए
बेजान सी मोमबत्ती 
मुझे आज भी याद है ।
 #zindagi #mombatti #peshopesh #aakhiri #raat 
#पहेली 🍁
#एक पहेली 💞