Nojoto: Largest Storytelling Platform

उपेक्षा से प्रतीक्षा तक -6 एक नई सुबह, विक्रमजीत

उपेक्षा से प्रतीक्षा तक -6

एक नई सुबह, विक्रमजीत ने अकेले ही घर की सफाई का कार्य पूरा किया, बच्ची को लेकर धूप मे जा बैठे । वे आजकल अवकाश 
पर चल रहे थे, अतः ऑफिस जानेकी कोई चिंता नहीं थी। हां, बिटिया 
की परवरिश की चिन्ता अवश्य थी । असल में वे भली भांति समझ
 रहे थे कि बिटिया की देखभाल और ऑफिस एक साथ बहुत ही
 मुश्किल | माँ बाप, बहन आदि का इशारा वे पहले ही पा चुके थे ।
 किन्तु दूसरी पत्नी एक अच्छी माँ बन सकेगी, यह संशय उन्हें
 किसी निर्णय पर नहीं पहुंचने दे रहा था । एक माह तक यही 
वैचारिक उठा पटक उन्हें परेशान कर रही थी । बेचारे विक्रमजीत
 बच्ची की देखभाल और ऑफिस कार्य का एक साथ कुशल 
संचालनभी नहीं कर पा रहे थे। दूसरी पत्नी के साथ बच्ची की
 देखभाल कितना सही कितना गलत -- विक्रमजीतइस संशय 
की स्थिति से निकल नहीं पा रहे थे। अंततः तीन चार दिन की माथा 
पच्ची के बाद उन्होंने दिव्यश्री के लिए दूसरी माँ लाने का कठोर 
निर्णय ले ही लिया। किन्तु यह कार्य बिल्कुल भी आसान नहीं था ।
 उन्होने कुछ रिश्तेदारों, मित्रों संग इस विषय पर चर्चा की तथा अपने
 मन की बात रखी। अधिकांश लोगों ने विक्रम के निर्णय को सही 
बताया, किन्तु सही पात्र के चयन के लिये जल्दबाजी नहीं करने की सलाह भी दी । अब विक्रम अपनी बेटी की परवरिश के लिए, 
दूसरी पत्नी की तलाश में जुट चुके थे कि एक दिन --
शेष ------
कहानी -उपेक्षा से प्रतीक्षा तक 
भाग-7

©Pushpendra Pankaj
  #roshni कहानी-1 
उपेक्षा से प्रतीक्षा तक 
पाठ-7

#roshni कहानी-1 उपेक्षा से प्रतीक्षा तक पाठ-7 #प्रेरक

756 Views