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सांसो में कुछ इस तरह समा गई हो तुम ख़ुद को मुझमे

सांसो में कुछ इस तरह समा गई  हो  तुम
ख़ुद को  मुझमें  कहीँ , छुपा  गई  हो  तुम

हो  गई   है  तक़दीर अब तो  तस्वीर  ही तेरी
ज़िन्दगी के इस सफ़र में, उलझा गई हो तुम।।

याद  आता है  तेरा  वों  मासूम  सा  चेहरा 
नज़रे मिला  क़े दिल  चुरा  गई  हो  तुम

न देखूं तुझें तो आँखे बागवत सी करती है मुझसे
इन आँखों क़ो कैसी  आदत  लगा  गई  हो तुम

बस तेरे आहटो से ही खिल जाता है चमन मेरा
जरे-जरे क़ो अपना  पता बता  गई हो  तुम

रंगरेज़ थी या  थी  कोई  कलाकार
ये इश्क का कैसा रंग चढ़ा गई हो तुम


सांसों में कुछ इस तरह समा  गई  हो  तुम
ख़ुद  को  मुझमें  कहीँ  छुपा  गई  हो  तुम
©कुमार मुकेश #nojoto#quotes#मk
सांसो में कुछ इस तरह समा गई  हो  तुम
ख़ुद को  मुझमें  कहीँ , छुपा  गई  हो  तुम

हो  गई   है  तक़दीर अब तो  तस्वीर  ही तेरी
ज़िन्दगी के इस सफ़र में, उलझा गई हो तुम।।

याद  आता है  तेरा  वों  मासूम  सा  चेहरा 
नज़रे मिला  क़े दिल  चुरा  गई  हो  तुम

न देखूं तुझें तो आँखे बागवत सी करती है मुझसे
इन आँखों क़ो कैसी  आदत  लगा  गई  हो तुम

बस तेरे आहटो से ही खिल जाता है चमन मेरा
जरे-जरे क़ो अपना  पता बता  गई हो  तुम

रंगरेज़ थी या  थी  कोई  कलाकार
ये इश्क का कैसा रंग चढ़ा गई हो तुम


सांसों में कुछ इस तरह समा  गई  हो  तुम
ख़ुद  को  मुझमें  कहीँ  छुपा  गई  हो  तुम
©कुमार मुकेश #nojoto#quotes#मk
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mukesh verma

Bronze Star
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