देखता हूँ उसे देखता हूँ जिधर आंखें बंद भी कर लेता हूँ मगर पाता हूँ उसे देखता हूँ जिधर पलकों के साए में बैठा रखा है किधर ना जाने वो और मैं भी हूँ बेखबर देखता हूँ उसे देखता हूँ जिधर मंदिर में देखूं वहाँ उसकी सूरत तलाशती है आँखे उसको तस्वीर हो या हो कोई मूरत पूजता हूँ उसे जैसे प्रभु की सीरत फिर भी उसका ध्यान नहीं इधर उसके प्यार का हकदार हूँ अगर फिर भी उसको एतबार मेरा नहीं मगर ना मिले तो पी सकता हूँ हंसते-हंसते जहर ना दिन ना रात चाहता हूँ सिर्फ उसका साथ मगर कहने से फिर डरता हूँ अगर तो कमजोर है मेरा दिल जिगर नहीं झेल सकता इनकार उसका फिर भी प्यार हुआ उसी से गलती नहीं ये मेरी मगर देखता हूँ उसे देखता हूँ जिधर। #cinemagraph #ravikirtikikalamse #ravikirti_shayari #ravikirti_poetry #mereidharudharme #yqdidi #harjagahtu #palash_ki_talash