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White दुखों की परत जम जम के अब पाषाण हो गयी हूँ कै

White दुखों की परत जम जम के अब पाषाण हो गयी हूँ
कैसे भी ढालों,तराशों कोई भी आकृति दे दो मुझे

दुखों की छैनी हो,या बातों का हथौड़ा
अब कोई भी मार सह लूंगी,कैसा भी बोल दो मुझे

लोगों से सुना है के पत्थर पिघलते नहीं टूट जाया करते हैं
मगर पत्थरों पर भी नमीं दिखाई दी है मुझे

जैसा रूप दोगे मुझे,अब वैसे ही ढल जाऊंगी
अब कोई कमी न रहे मुझमें,अपने अनुरूप बना लो मुझे

©Richa Dhar #love_shayari पाषाण
White दुखों की परत जम जम के अब पाषाण हो गयी हूँ
कैसे भी ढालों,तराशों कोई भी आकृति दे दो मुझे

दुखों की छैनी हो,या बातों का हथौड़ा
अब कोई भी मार सह लूंगी,कैसा भी बोल दो मुझे

लोगों से सुना है के पत्थर पिघलते नहीं टूट जाया करते हैं
मगर पत्थरों पर भी नमीं दिखाई दी है मुझे

जैसा रूप दोगे मुझे,अब वैसे ही ढल जाऊंगी
अब कोई कमी न रहे मुझमें,अपने अनुरूप बना लो मुझे

©Richa Dhar #love_shayari पाषाण
richadhar9640

Richa Dhar

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