कभी किसी राह किसी मोड़ पर जरूर मिलेंगे। बेवक़्त बेवज़ह और बेमौसम मिलेंगे। रहेगी ख़ामोशी दोनों के लबो पर पर निगाहें हर्फ़ दर हर्फ़ कहानी बयाँ करेंगे। क्यों जायज़ नहीं हुई मुहब्बत हमारी तब ये सवाल हम ख़ुद से नहीं तुमसे करेंगे। चलो सब्र रख़ते है दोनों उस वक़्त के आने का जब जाने पहचाने से दो अनजान फिर मिलेंगे। (ख़्याल_कुमार) कभी किसी राह किसी मोड़ पर जरूर मिलेंगे। बेवक़्त बेवज़ह और बेमौसम मिलेंगे। (ख़्याल_कुमार) #Kumar_Suraj #Khyal #Shayri #Love #Feelings #Muhabbat #Safar #Manjile