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चाहत की एक डोर थी लंबी प्यार बहुत था दुनिया से आ

चाहत की एक डोर  थी लंबी प्यार बहुत था दुनिया से
 आहिस्ता आहिस्ता जाना मृगतृष्णा की रोगी हूं।
by Nazima Khatun #allusion
चाहत की एक डोर  थी लंबी प्यार बहुत था दुनिया से
 आहिस्ता आहिस्ता जाना मृगतृष्णा की रोगी हूं।
by Nazima Khatun #allusion