"मणिकर्णिका : एक अटूट सत्य" तुझे अपलक देखूं मैं, हो रहा विलीन ये जग सारा उठ रही लपट ये आसमान तक पास तेरे भगीरथी धारा बंद मुट्ठीयां खुली रह गई हे मानव अस्तित्व यही है तुही सत्य , तुही सत्य, हे मणिकर्णिका तुही सत्य है... क्या खोया क्या पाया में ये जीवन सारा बीत गया अहम लिए सिर पर तू अपने क्या जग सारा जीत लिया तेरी दौलत तो नहीं यहां पर और तेरा अमरत्व नहीं है तुही सत्य , तुही सत्य, हे मणिकर्णिका तुही सत्य है... #मणिकर्णिका : एक अटूट सत्य #Writer_Manish_Yadav