हर घर धुंए के आगोश है, एक जलता शहर खामोश है, ज़हर बेचते हैं राक्षस, बताओ तो किसका दोष है? राजनीतिक व्यापार है, खुले मंच का अफसोस है तिजोरी भरता प्रशासन, यहाँ जनता बेहोश है कौन अछूता है यहाँ? हर शख़्स ढ़ोता बोझ है कोई खुद का विनाशक हुआ, किसी का प्रियजन मदहोश है नशे की गर्मी है, ठण्डा जोश है धुंए के आगोश है, एक जलता शहर खामोश है। Do collab on this prompt. शहर खामोश है...... from Heart That Writes (HTW) ▪️Mandatory hashtags: #HeartThatWrites #HTW_शहरख़ामोशहै #HTW_Hindi_pmt