अब ना कोई कृष्ण चौसर में लाज बचाने आऐगा। लुटती रहेंगी असंख्य द्रोपदी कोई ताज बचाने आऐगा। भारत में हर रोज़ कितनी घुटती रही है, देवियां। चिर हरण से हर रोज़ आहत कौन लाज बचाने आऐगा। बिसरी द्वापर बिसरी त्रेता आंखों में लाज बसाने आऐगा। हर तरफ चांडाल चौकड़ी दुशासन से चिर छुड़ाने आऐगा। बंधक बने सब पांडव बैंठे इस देश के पुरुष । इस देश के असंख्य द्रोपदी के लाज बचाने आऐगा। अवधेश कुमार राय."अवध" चीर हरण #Nojoto #Nojotohindi #चिरहरण #कृष्ण #महिला #Pencil #Paper