जो राष्ट्रभक्ति से भर दे सबको, ऐसा सुरभित छंद बनो। सूरज गर तुम नहीं बन सको, जुगनू ही कोई मंद बनो। जाति - पंथ को जोड़ सके, ऐसा पावन बंध बनो। उठो! मेरे अब युवा साथियों, सभी विवेकानंद बनो। ©अभिजित त्रिपाठी #विवेकानंद #स्वामी #स्वामीजी #सूरज #जुगनू #जाति #पंथ #छंद #युवा