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बैठी है,तन्हाइयों में काम की थकान के बाद फुरसत से।

बैठी है,तन्हाइयों में काम की थकान के बाद फुरसत से।
ऐंठी है मगरूर की जुदाई सी,इल्जाम की याद ए हरकत से।। ♥️ आइए लिखते हैं दो मिसरे प्यार के :)

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) 

♥️ केवल 2 पंक्ति लिखनी हैं और वो भी प्यार की।

♥️ कृपया स्वरचित एवं मौलिक पंक्तियाँ ही लिखें।
बैठी है,तन्हाइयों में काम की थकान के बाद फुरसत से।
ऐंठी है मगरूर की जुदाई सी,इल्जाम की याद ए हरकत से।। ♥️ आइए लिखते हैं दो मिसरे प्यार के :)

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साहस

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