सुनो, जानना था न तुम्हें कि कितना इश्क़ और हक़ दिया है मैंने, वक़्त-बेवक़्त तुम ख़्यालों में बिन बताये आ जातें हो, रूठी भी रहूँ तुम्हारे ख्यालों से मुस्कान तुम दे जाते हो, तुम पास होते तो रोने न देते, इस हक़ से तुम्हारे खुद को तुम्हारी अमानत समझती हूँ। -Yachana Jaiswal #rain #yqwriter #hindishayari #loveforwrites #love for you