वो चिठ्ठी जो तेरे हाथ से लिखी जब भी उठाऊँ महकता हूँ मूस्कूराते है मेरे बीते पल पढ कर हर चिठ्ठी भर आती है आँखे मेरी भीगा भीगा सा है आज का पल । chandny ©Sangeeta Verma चिठ्ठी