हमारे मास्टर साहब... (पूरी कविता अनुशीर्षक में पढ़ें) हमारे मास्टर साहब ************** उस छोटे से घर में एक बड़ा आदमी रहता है सारा गांव अब भी उनको मास्टर जी कहता है वही गांव को बाकी दुनिया का हाल बताते थे अपनी आंखों से बच्चों को दुनिया दिखलाते थे सरकारी स्कूल के शिक्षक थे,रौशनी बन आते थे