#5LinePoetry अंखियों मे आज अंधेरा छाया हैं मायुस दिल खुदसे बिछड गया हैं तनहाई है दिलं की गेहराई मे आज दिया नहीं दिलं जल रहा हैं.. दीन की शुरुवात से मन छल रहा हैं कमी तेरी एहसास रोज खल रहा हैं सूरज के पहले ही मन ढल रहा हैं आज दिया नहीं दिलं जल रहा हैं.. लाख कोशिशो से ना पप्थर पिघल रहा हैं सौ चंद्रमा से भी ना दीन उजल रहा हैं गलती चांद की नहीं सूरज की हैं आज दिया नहीं दिलं जल रहा हैं.. ! ©Mangesh B #दिलं जल रहा हैं !