हमारे रिश्तों के धागे उतने मजबूत नही थे, तभी तो उसमें बिछड़ने वाली गाँठ पड़ गयी। कल तुमने अपना दरवाजा बंद कर लिया था मुझे देखकर, आज तन्हाइयों में अश्क़ आँखों से छलक आया। रिश्तों के धागे