किसी और से दिल से लगायें होंगे वरना यूं ही हमें अकेले ना छोडते जलाए होंगे मेरे इश्क के मजमून को तभी किसी और को इश्क के मजमून लिख पाए होंगे ना शिकायत ना शिकवा है उनसे बस इतना बता दे आखिर खता हुयी है क्या हमसे शायद उनका इशक कागजी और हमारी जज्बात से भरी यही अंतर है उनके इश्क और मेरें प्यार में.............. जज्बात है हमारी तू समझ ना सकी हम समझा ना सके