दो कौड़ी के झूठ के आगे, इस जहां में सही नहीं बिकता। आज का इंसा, गलत को ग़लत नहीं बोलता। यह जमाना बेइमानों का है,यहा शराफतो का लहजा नहीं बिकता। ~~शिवानन्द - Sense of ink यह ज़रूरी है कि दिन को दिन कहा जाए और रात को रात। सही को सही और ग़लत को गलत। लिखें जो आपकी नज़र में ग़लत है। #ग़लतहै #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #शराफत #शराफत #बेइमान