"बूंदे" ये सावन की भीगी बूंदे, तर करने को आतुर बूंदे । यादो की बदरी सी झरती, रूह को तर कर जाती बूंदे । सौंधी सौंधी खुशबू लेकर, दिल संदल कर जाती बूंदे । रिमिझिम रिमझिम ताल पे देखो, इठलाती बलखाती बूंदे । भूल के गम सब नाच लो प्यारे, कि प्रेम का गीत सुनाती है बूंदे । Vikas Jain 9/9/19 #बारिश#बूंदे#सावन#nojotahindi#Baarish #Love