तुम क्या जानो, एक ग़रीब विधार्थी का हाल। भरपेट खाना नहीं खा पाते, और पढाई दिनरात। नहीं हैं वक्त मस्ती करने का, पढ़ना हैं दिनरात। नहीं हैं कोई हेल्प करनेवाला, ऐसी है मेरी हाल। Amarjeet Kumar