" हम और अहमियत " """हम और अहमियत """ हमारी निरस स्थितप्रज्ञता हमारी परिस्थितिमूलक साधना का प्रवर परिणाम है, हमसे एकांश सरसता की प्राप्ति भी प्राप्तकर्ता का विशेष सौभाग्य है क्योंकि हमसे इसकी अपेक्षा करना किसी मुर्दे से क्रियाशीलता की अपेक्षा करने से कदापि कम नहीं है. यह संभव है कि किसी को हमारी सरसता भी किसी निरसता से कम न प्रतीत हो. परन्तु यह सच है, हमारी निरसता हमारी भावशून्य निष्ठुरता का ही परिणाम है. भावशू्न्यता की इस अवस्था की प्राप्ति महज़ हमारा संयोग नहीं है वरन् यह हमारे अतीत का वा