एक चिंगारी तूफा से लड़कर आग बनी में क्या कहूँ की एक खूबसूरत तेज़ाब बनी । कुचल दिए रास्तो में आये कई ऐसे तूफानो को ,जो उसके पैरों में परेशानी का जंजाल बने।। हँस कर करलेती है वो सारे काम यही उसकी खूबसूरती का ताज़ बने मांगना हम भी चाहते है उनसे कुछ रोशनी ताकी उनकी परछाई हमारे साथ चलेे ये पूछ्ने की गलती उनसे शायद हम भी एक बार करें || ये सारी वक़्त बे वक्त की बातें हम भी उनके साथ करें फिर उसकी मौजूदगी मानो अँधेरे में जलता हुआ चिराग लगे देखो एक चिंगारी तूफा से लड़कर आग बनी।। 13 Akshay 13 Akshay chingari