रोज़ इक मर्ग का आलम भी गुज़रता है यहाँ रोज़ जीने क

रोज़ इक मर्ग का आलम भी गुज़रता है यहाँ
रोज़ जीने के भी सामान निकल आते हैं

©Andy Mann
  #राह
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