मैं दे सकती थी दस्तक उसके दरवाज़े पर दिन में सौ बार भी लेकिन इसके लिए भी, जिस यक़ीन की मुझे उस से उम्मीद थी वो यक़ीन उस से मुझे कभी मिला ही नहीं । ©Sh@kila Niy@z #basekkhayaal #basyunhi #Darwaza #dastak #yaqeen #nojotohindi #Quotes #14october