बांस का बना हुआ एक पूल, उसके नीचे से नहर गुजरती है, किसी बरस बारिश नहीं हुई, नहर का पानी सूख गया, पर ऊपर का पुल टिका रहा, जैसे शरीर में खून सूख गया, पर अंदर कहीं आत्मा अटकी रही, किसी बरस बारिश रुकी नहीं, नहर का पानी उफान पर आया, इस बार पुल टूटा और डूब गया, साथ ही डूब गए बहुत से घर और बहुत सारी उम्मीदें जीने की, दोनों ही परिस्थितियां विदारक हैं, जो निर्भर है प्रकृति के रोष पर, और तौलती है हर एक मनुष्य को उसके आत्मनिर्भरता के तराजू पर। #yqbaba #yqdidi #yqdada #yourquote #assamflood #savelives #savenature ❇️